गर्भधारण करने के बाद महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। महिला के शरीर में बदलाव हार्मोन में परिवर्ततन के कारण होते हैं। प्रेग्नेंसी के बाद महिला की त्वचा, हाथ, पैर, नाखून सहित लगभग पूरे शरीर पर बदलाव दिखते हैं। साथ ही इस दौरान महिला को कई प्रकार की जटिलताओं से भी गुजरना पड़ता है।
वैसे तो आप उन सभी बदलावों को महसूस कर सकती हैं लेकिन कई बदलाव ऐसे भी होते हैं जिनके बारे मे आपको कोई जानकारी नही होती। ज़रूरी नहीं कि सभी गर्भधारण करने वाली महिलाओं मे एक जैसे बदलाव आयें। यह बदलाव अलग भी हो सकते हैं। बल्कि कुछ महिलायें इन बदलावों को महसूस भी नही करतीं। इन दिनों आप अपने गर्भ मे पल रहे बच्चे की कुछ हरकतों से भी वाकिफ़ होती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान आपके शरीर में इस प्रकार के बदलाव दिखते हैं।
गर्भावस्था और शारीरिक बदलाव
स्तनों में सूजन
प्रेगनेंट होने के बाद स्तनों मे सूजन आना लाज़मी है बल्कि यह कहा जाए कि स्तनों मे सूजन आना प्रेगनेंट होने का पहला संकेत है तो ग़लत नही होगा। प्रेगनेंट होने के बाद महिलाओं के स्तनों का साइज़ बढ़ने लगता है और सूजन भी आ जाती है। आपके ब्रेस्ट टेंडर पड़ने के साथ साथ हल्की सरसराहट होने लगें तो यह सब मासिक साइकल के कारण होता है और ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ने बढ़ता है। स्तनों पर सूजन हॉर्मोन्स, प्रोजेस्टेरोन तथा एस्ट्रोजन के लेवल के बढ़ जाने के कारण आती हैं। यही नहीं आपकी प्रेग्नेन्सी के आख़िर तक भी आपके स्तनों का विकास होना जारी रहता है।
बालों के टेक्सचर में बदलाव
प्रेग्नेन्सी के दौरान महिलाओं के बालों की ग्रोथ के साथ साथ उनके टेक्सचर में भी काफ़ी बदलाव दिखते हैं। यह सब प्रेग्नेन्सी के दौरान महिलाओं मे आए हॉर्मोनल बदलाव के कारण होता है, इसको एस्ट्रोजन नामक हॉर्मोन प्रभावित करता है। जिसके बढ़ने से बाल या तो ज़्यादा बढ़ने लगता हैं या फिर ज़्यादा गिरने लगते हैं। बच्चे को जन्म देने के बाद ये साइकल सामान्य हो जाते हैं। लेकिन डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को हेयर फॉल की शिकायत रहती है। क्योंकि ऐसे मे पहले ही बढ़े हुए बालों का बढ़ना रुक जाता है और वह सब एक साथ गिरने लगते हैं।
नाखूनों में बदलाव आना
प्रेग्नेन्सी के दौरान शरीर मे होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण नाखून बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं कभी–कभी यह रूखे और सख़्त भी हो जाते हैं। गर्भावस्था में नाखूनों के टेक्सचर में भी बदलाव आ जाता है, लेकिन डिलीवरी के बाद यह अपनी सामान्य स्थिति में आ जाते हैं।
त्वचा में बदलाव आना
प्रेगनेंसी के कारण आपकी त्वचा में भी बदलाव आते हैं, आम तौर पर इस दौरान गर्भवती महिलाओं के चेहरे पर काफ़ी ग्लो आ जाता है साथ ही उन्हे स्किन से सम्बन्धित कई समस्यायें भी होती हैं। इनमें च्लोआस्मा तथा प्रेगनेंसी मास्क प्रमुख हैं, इससे चेहरे पर छोटे भूरे दाग पड़ने लगते हैं। चेहरे पर पड़ने वाले दागों से बचने के लिए आप सनस्क्रीन इस्तेमाल कर सकती हैं साथ ही कोशिश करें कि धूप मे कम से कम निकलें। इसके अलाव मुहांसे भी होने लगते हैं।
स्ट्रेच मार्क्स
प्रेगनेंट महिलाओं को अक्सर स्ट्रेच मार्क्स का सामना करना पड़ता है यह स्ट्रेच मार्क्स पेट के हिस्से पर, थाई, बाहं आदि जगह पड़ते हैं। गर्भवती होने क बाद महिला का पेट बाहर की तरफ निकलता है, साथ ही त्वचा में सूजन भी आ जाती है। प्रसव के बाद सूजे हुए स्किन के कारण स्ट्रेच मार्क्स की समस्या होती है। हालांकि ये समस्या समय के साथ समाप्त हो जाती है लेकिन इससे निजात पाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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Mar 16, 2018
QUICK BITES:
हार्मोन में बदलाव के कारण ब्रेस्ट में दर्द होना सामान्य है।
स्तनों में बदलाव भी हो सकता है गर्भावस्था का लक्षण।प्रेग्नेंसी के समय ब्रेस्ट ज्यादा संवेदनशील हो जाती है।
गर्भावस्था एक मां के लिए बहुत उलझन और तकलीफों भरे दिन होते हैं। हालांकि शिशु के आने की खुशी उसे इन तकलीफों को सहने के लिए संबल और हौसला देती है। गर्भावस्था के दौरान स्त्री के शरीर में कई परिवर्तन आते हैं। इन सभी परिवर्तनों का प्रभाव कई बार दर्द और तकलीफ के रूप में आपके शरीर में दिख सकता है। इसलिेए इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। गर्भावस्था में स्तनों में दर्द यानि ब्रेस्ट पेन सामान्य है। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान स्तनों में सूजन होने लगती है। इस समय ब्रेस्ट ज्यादा संवेदनशील भी हो जाते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था की पहली तिमाही में यह दर्द शुरू होता है और पहली दूसरी तिमाही के शुरूआत में समाप्त हो जाता है। इसके दर्द से निपटने के लिए आप इन तरीकों को आजमा सकती हैं।
शिशु के जीवन के लिए ये परिवर्तन जरूरी ह
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