एच आई वी से ग्रसित महिला को बहुत सी पूर्वागामी गतिविधियों को अपनाना पड़ता है। हाल में विज्ञान में हुई प्रगति से उनके लिए भी मां बनना सम्भव हो पाया है। तथ्य भी यही है कि एच आई वी पाज़ीटिव महिलाओं से उनके बच्चों मे यह वायरस प्रेगनेंसी के दौरान या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी फैल सकता है।
सुरक्षा के मुद्दे
अगर किसी भी प्रकार के प्रिवेंटिव ड्रग्स नहीं लिये गये हैं तो बच्चे में एच आई वी होने की 20 से 45 प्रतिशत सम्भावना रहती है।
एच आई से ग्रसित महिला के बच्चों में 7 में से 1 एच आई वी पाज़िटिव पाये गये है। लेकिन आधुनिक ड्रग्स एच आई वी की रोकथाम में बहुत प्रभावी है।
जब इन दवाओं से पूरी चिकित्सा की जाती है और फार्मूला फीडिंग की सहायता ली जाती है तो बच्चों में एच आई वी फैलने की 2 प्रतिशत से भी कम सम्भावना रहती है। संसाधनों के सीमित होने पर मां और बच्चे दोनों को ही एच आई वी का खतरा कम होता है ।
प्रेगनेंसी के दौरान एच आई वी पाज़ीटिव महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतनी होती है:
प्रेगनेंसी को प्लान करें:
वो महिला जिसे पता है कि वो या उसका पार्टनर एच आई वी पाज़िटिव है तो उसे प्रेगनेंट होने से पहले प्लान करना चाहिए।
अगर उसने प्रेगनेंसी से पहले ही दवाएं लेनी शुरू कर दी हैं तो वो अपने बच्चे को एच आई वी से बचा सकती है।
डाक्टर्स आपको सही दवाओं और स्थितियों को समझने की सलाह देंगे कि आपकी सेहत के लिए प्रेग्नेंट होने का यह ठीक समय है या नहीं।
गर्भाधान में सुरक्षा
एक एच आई वी पाज़ीटिव महिला एक एच आई निगेटिव पार्टनर से प्रेगनेंट हो सकती है। आर्टिफीशियल इन्सेमिनेशन से ऐसा भी हो सकता है कि उसके पार्टनर को कोई खतरा ना हो। यह आसान तकनीक पुरूषों को पूरी सुरक्षा देती है लेकिन इससे बच्चों में एच आई वी का रिस्क कम नहीं होता।
अगर पुरूष एच आई वी पाज़िटिव है तो ऐसे में बचाव का एक ही तरीका है स्पर्म वाशिंग।
स्पर्म वाशिंग से महिला और बच्चे दोनों में ही एच आई वी का खतरा नहीं होता।
जब दोनों पार्टनर एच आई वी पाज़िटिव होते हैं और अनप्रोटेक्टेड सेक्स से बच्चा चाहते हैं तो उन्हें डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए कि वो अपने बच्चे को कैसे बचा सकते हैं।
अगर आप एण्टीरेट्रोवायरल चिकित्सा ले रहे हैं तो आपके पार्टनर को सेक्स से होने वाले संक्रमण का खतरा नहीं रहता।
प्रेगनेंसी के दौरान एच आई वी ड्रग्स से जुड़े सुरक्षा के मुद्दे
प्रेगनेंट महिलाआंे को प्रेगनंेसी के दौरान दवाएं लेने की सलाह नहीं दी जाती है इसलिए यह थोड़ी अनोखी बात है कि उन्हें एण्टीरेट्रोवायरल ड्रग्स लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन हज़ारों महिलाओं ने एण्टीरेट्रोवायरल ड्रग्स लिए हैं और स्वस्थ एच आई वी निगेटिव बच्चे को जन्म दिया है।
डिलिवरी
जब मां एच आई वी पाज़िटिव होती है तो प्री लेबर सिज़ेरियन सेक्शन के द्वारा बच्चे को मां के रक्त और दूसरे द्रव के सीधे प्रभाव से बचाया जाता है। शोधों से ऐसा पता चला है कि बहुत सी एच आई वी पाज़िटिव महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान ए आर वी काम्बिनेशन थेरेपी लेती हैं इसलिए एच आई वी से बचने के लिए सिज़ेरियन ही एक समाधान नहीं है जब तक कि महिला बीमार ना हो क्योंकि सिज़ेरियन से महिला को भी कई प्रकार के रिस्क का सामना करना पड़ता है।
ब्रेस्टफीडिंग
एच आई वी मां के दूध में भी पाया जाता है इसलिए अगर मां एच आई वी पाज़िटिव है तो ऐसे मंे बच्चे को मां के दूध से एच आई वी से हो सकता है। एक्सपर्ट ऐसी सलाह देते हैं कि सेफ ब्रेस्ट मिल्क के विकल्प का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा माना जा रहा है कि मिक्सड फीडिंग से बच्चे के पेट की लाइनिंग डैमेज हो सकती है और इससे बच्चा आसानी से मां के दूध से संक्रमित हो जायेगा।
इसके आलावा संतुलित भोजन करना भी ज़रूरी है इससे मां और बच्चे दोनों ही स्वस्थ रहेंगे।
कुछ शोधों से ऐसा भी पता चलता है कि जब मां कुपोषित होती है तो बच्चे में एच आई वी का खतरा और भी बढ़ जाता है।
अच्छा होगा कि आप स्मोकिंग ना करें, अल्कोहल ना लें और प्रेग्नेंसी के दौरान अनसेफ सेक्स की प्रैक्टिस ना करें।
शोधों से ऐसा भी पता चलता है कि ड्रग्स का इस्तेमाल, स्मोकिंग और अनसेफ सेक्स से जैनाइटल आर्गन में होने वाले संक्रमण से यह बीमारी मां से बच्चे को हो सकती है।
विश्व भर में एच आई वी पाज़िटिव लोगों के लिए इलाज ढूंढा जा रहा है। एच आई वी पाज़िटिव महिलाओं को भी प्रोफेशनल बनने का अधिकार है। अपना खास ख्याल रखकर एच आई वी पाज़िटिव महिलाएं भी मातृत्व का सुखद अनुभव ले सकती हैं।
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